अश्वगंधा (Ashwagangha) क्या इम्युनिटी बर्धक (Immunity Modilator) हर्ब है? इसके फायदे/ गुण (Benefits), सेवन विधि एवं नुकसान..
अश्वगंधा (Ashwagandha) एक बहुत ही चिर-परिचित एवं लोकप्रिय जड़ी-बूटी (Herb) है। यह एक इम्यूनिटी वर्धक (Immunity Modulator ) हर्ब है। अश्वगंधा में दर्द निवारक (Anti arthritic effect), तनाव (Stress/Depression), अनिद्रा (Insomnia) वाले गुण हैं। इसमें सूजन नाशक (Anti inflammatory), मोटापा (Obesity) जैसे बहुत सारे फायदे (benefits) मौजूद होते हैं। अश्वगंधा हर्ब में नुकसान वाले गुण बहुत कम पाये जाते हैं।
अश्वगंधा क्या है?
अश्वगंधा (Ashwagandha) एक इम्यूनिटी वर्धक (Immunity Modulator ) हर्ब है। अश्वगंधा एक जड़ी-बूटी है। यह सोलेनेसी (solanaceae) कुल का पौधा है। इसका लैटिन नाम है बिथेनिया सोम्निफेरा (Withenia somnifera) है। प्राचीन काल में किसी पौधे का नामकरण उसके गुणों के आधार पर, आकृति के आधार पर,एवं गंध (smell ) के आधार पर किया जाता था, क्योंकि अश्वगंधा के पौधे का रस (juice) का गंध घोड़े के मूत्र (Urine) की तरह होता है, संभवत इसी कारण से इसका नाम अश्वगंधा (अश्व+गंध) रखा गया है।
अश्वगंधा कहाँ पाया जाता है ?
यह पूरे भारत में बाहुतायत रूप में पाया जाता है। इसके अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी पाया जाता है।
अश्वगंधा के नाम विभिन्न भाषाओं में-
इसे अलग-अलग प्रांतों में, भिन्न-भिन्न भाषाओं में, तरह-तरह के नामों से पुकारा जाता है। जैसे कि-
हिन्दी- असगन्ध/ अश्वगन्धा
संस्कृत- अश्वगंधा/ कुष्ठगन्धिनी
English- विंटर चेरी (Winter cherry)
ऊर्दू- असगंधनागोरी
बंगाली- अश्वगन्धा (Ashwagandha)
कनङा (Kannada)- अमनगुरा (Amangura)
तमिल- चुवदिग (Chuvdig)
गुजराती- आसन्धय/ घोडासोडा
उडिया- असुंध
तेलगु- पैन्नेरुगड्डु (Panerugaddu)
मलयालम- अमुक्कुरम (Amukkuram)
माराठी- असकन्धा (Askandha)
पंजाबी- असगंद (Asgand)
अरबी- तुख्मे हयात (Tukhme hayat)
फारसी- असगंध-ए-नागौरी
नेपाली- अश्वगन्धा (Ashwagandha)
अश्वगन्धा की आकृति (Structure of Ashwagandha)
यह एक सीधा, अत्यंत शाखित, सदाबहार एवं झाड़ीनुमा पौधा होता है।
लंबाई- इसकी लंबाई लगभग 0.3 से 2.0 मीटर तक ऊंची होती है।
पत्ता- अश्वगंधा का पत्ता रोम युक्त एवं अंडाकार होता है।
फूल- इसमें फूल हरे, पीले, छोटे तथा 5-5 के समूह में लगे होते हैं।
फल- इसका फल चेरी जैसा होता है और पकने पर लाल रंग का हो जाता है।
जड़- इसकी जड़े बाहरी रूप से भूरी और अंदर की तरफ सफेद होती हैं। इसकी लंबाई 30 से 45 सेंटीमीटर और चौड़ाई 2.5 से 3.5 सेंटीमीटर होती है।
अश्वगन्धा में कौन से रसायन (Chemical composition of Ashwagandha) होते हैं?
अश्वगंधा के अंदर बहुत से रसायन होते हैं जैसे कि-
Alkaloids (अल्कोलाइडस)- isopelletierine, anaferine, cuseohygrine, anahygrine, etc.
Steroidal lactones (स्ट्राइड लेक्टोनस)- withanolides, withaferins
Saponins
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अश्वगंधा की तासीर (Temperament) कैसी होती है?
अश्वगंधा का तासीर/ मिजाज (Temperament) गरम (Hot) और खुष्क (Dry) ब दरजा 30 होता है।
अश्वगंधा का कौन सा भाग दवा में इश्तेमाल होता है?
मुख्य़तः इसकी जड़ें दवा के रूप में इस्तेमाल की जाती है। लेकिन इसके पत्ते भी बहुत ही फायदेमंद होते हैं। इसका बीज और फल भी दवा में इस्तेमाल किया जाता है।
अश्वगंधा के फायदे (Benefits of Ashwagandha) क्या हैं?
अश्वगंधा एक इम्यूनिटी वर्धक (Immunity Modulator ) है- यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके
सेवन
से इम्यूनिटी (Immunity) को बढ़ाया जा सकता है। यह हर उस बीमारी में फायदेमंद है, जिसमें इम्यूनिटी
(Immunity) कोबढ़ाने की जरूरत होती है। इसीलिए कोरोना वायरस के बचाव के लिए इसका इस्तेमाल बहुत ही
उपयोगी
साबित हो सकता है।
हमारे अंदर बहुत सारी बीमारियां इम्यूनिटी (Immunity) के कमजोर हो जाने के कारण होती हैं। जैसा कि सब
जानते हैं कि इस वायुमंडल में तरह-तरह के बैक्टीरिया, वायरस, फंगस इत्यादि हमेशा मौजूद होते हैं, लेकिन
इनसे सभी लोगप्रभावित या बीमार नहीं होते।
एक सीधा सा उदाहरण है कि घर में किसी एक को फ्लू, नजला-जुकाम हो जाता है तो घर में कुछ ही लोगों पर इसका
सीधा असर या संक्रमण होता है, सब लोगों पर नहीं। आखिर ऐसा क्यों?
इसका सीधा सा उत्तर है कि जिनकी इम्यूनिटी (Immunity) पावर अच्छी या ज्यादा होती है वह इस इंफेक्शन से
बच
जाते हैं।
अतः इम्यूनिटी (Immunity) पावर बढ़ाने के लिए अश्वगंधा की जड़ के पाउडर को 3 से 5 ग्राम की मात्रा में
दिन
में दो बार इश्तेमाल में लाएं।
यूनानी चिकित्सा में यह Habbe Ashgandh के नाम से मेडिकल स्टोर में उपलब्ध है।
दर्द निवारक (Anti arthritic) है अश्वगंधा -
अश्वगंधा में दर्द को कम करने वाले रसायन (एल्कोलाइट्स) मौजूद होते हैं इसलिए यह जोड़ों के दर्द (Joint Pain) में बहुत ही फायदेमंद होता है। इसकी जड़ के पाउडर को 3 से 5 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार उपयोग में लाया जा सकता है ।
सूजन नाशक (Anti-inflammatory) है अश्वगंधा -
इसके पत्तों में बहुत ही लाभदायक गुण छिपा होता है। इसलिए यह सूजन वाली दर्द में बहुत ही फायदेमंद है। इसके पत्तों को गर्म करके सूजन वाली जगह पर बांधने से बहुत ही जल्द सूजन और दर्द में आराम मिल जाता है।
तनाव ( Anti Depressant) को कम करता है अश्वगंधा-
इसके पौधों में कुछ ऐसे anti-stress agents (Sitoindosides and acylsterylglucosides) होते हैं, जिसकी वजह से तनाव ग्रसित मरीज जल्द शिफा (फायदा) पाता है। तनाव के रोगी को अश्वगंधा का पाउडर 5 से 7 ग्राम दिन में दो बार दूध के साथ देने से बहुत ही चमत्कारिक रूप से फायदा होता है।
मोटापा को दूर भागाता है अश्वगंधा (Benefits of Ashwagandha in Obesity )-
मोटापे में इसका बहुत ही अच्छा फायदा मिलता है इससे। इसके 3-4 पत्तों का रस निकालकर सुबह खाली पेट पीने और साथ ही साथ कम आहार और अधिक व्ययाम करके अपने मोटापे को बहुत जल्दी ही दूर किया जा सकता है।
शारीरिक कमजोरी को दूर करता है अश्वगंधा (Benefits of Ashwagandha in General weakness)-
इसका पाउडर 5 से 7 ग्राम दिन में दो बार दूध या पानी के साथ देने से शारीरिक कमजोरी को दूर करने में बहुत ही फायदा पहुँचाता है।
ल्यूकोरिया में फायदेमंद है अश्वगंधा (Benefits of Ashwagandha in Leucorrhea)-
इसके पाउडर को 5-7 ग्राम की मात्रा में दुध के साथ इश्तेमाल करने से ल्यूकोरिया दूर हो जाता है।
स्पर्म की संख्या को बढ़ाता है अश्वगंधा (Benefits of Ashwagandha in stimulation and increasing sperm count)-
अश्वगंधा का इस्तेमाल करके स्पर्म की संख्या को बढ़ाया जा सकता है।
अश्वगंधा के नुकसान (Side effects of Ashwagandha)-
इस औषधि के इश्तेमाल से ज्यादा नुकसान नहीं होता है। लेकिन गर्म मिज़ाज (Hot Temparament) वालों को इसका इश्तेमाल सावधानी पूर्वक करना चाहिऐ। निष्कर्ष (Conclusion)-
अश्वगंधा एक बहुत ही फायदेमंद जड़ी (हर्ब) है। इसके पौधे का हर भाग उपयोग में लाया जाता है। इसका पत्ता Fever,Obesity, Painful swelling फूल Astringent, Depression, Diuretic & Aphrodisiac, बीज Antihelmenthic होता है। इस पौधे में Immunity modulator, Anti arthritic, anti inflammatory, anxity, Hysteria, Memory loss एवं यूनिटी को बढ़ाने वाली बहुत सारे रसायन पाए जाते हैं। अश्वगंधा के इस्तेमाल से स्पर्म की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। यह हमारे लिए और हमारे परिवार के लिए बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक एवं फायदेमंद पौधा है। अश्वगंधा का इस्तेमाल करके और प्रकृति के सानिध्य में रह कर, हम अपने जीवन को हेल्थी वेल्थी और हैप्पी बना सकते हैं।
हर्बल (Herbs) को अपनाये, जीवन में स्वास्थ्य, संवृद्धि एवं खुशहाली लायें..